“ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे हम वहां काम आएंगे, जहां तुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे। हफ़ीज़ जालंधरी टैग : दोस्त शेयर कीजिए जीते थे इस आस में के कभी न कभी तेरा साथ मिलेगा, “जिसके लिए तन्हा हूँ वो तन्हा नहीं, जिसे हर दिन याद करूँ https://youtu.be/Lug0ffByUck