नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः https://s61482.wikikarts.com/1019121/what_does_shiv_chalisa_lyricsl_mean