बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है। माना कि तेरी नजर में शायद कुछ भी नहीं हूं मैं, “मैं तन्हा हूँ शायद इसलिए, क्यों की दिल नहीं भरोसा टूटा है।” अहमद फ़राज़ टैग : दिल शेयर कीजिए यूं तो अकेला भी अक्सर गिर के संभल सकता हूँ मैं, तन्हाई https://youtu.be/Lug0ffByUck